Considerations To Know About shiv music mantras
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परिश्रय परं पदं तदङ्गजत्विषां चयः ॥१४॥
श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः
किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥ प्रफुल्लनीलपङ्कजप्रपञ्चकालिमप्रभा_
करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वलद्धनंजया धरीकृतप्रचंडपंचसायके।
O the just one who set an stop on the functions of Smara (God on the Love), who put an end towards the functions of Tripurasuras, the end towards the delusion of worldly existence, who ended the incorrect Daksha Yagna
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥
कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।
समप्रवृत्तिकः कदा सदाशिवं भजाम्यहम् ॥१२॥
कलानिधानबन्धुरः श्रियं जगद्धुरंधरः ॥८॥
Probably the most comforting issues For read more a lot of is that this hymn is often sung by All people. The Hindu scriptures say it might be sung by any caste or gender.
ये दिशाओं की देवियों के सुंदर चेहरों पर विभिन्न रंग बिखेर रहा है,
प्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥
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